नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानि ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की.. उन्होने कहा कि देशभर में राष्टीय परियोजना घोषित 16 नहर परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं.. ERCP को भी 17 राष्ट्रीय परियोजना के तौर पर मंजूरी दें.. सीएम ने कहा कि ऐसा होने पर झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर को सिंचाई के पानी और पीने का पानी भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.. सीएम ने राजस्थान की नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए 7 जुलाई को जयपुर में और 6 अक्टूबर को अजमेर में पीएम द्वारा इस बाबत घोषणा किए जाने की भी याद दिलाई.. उन्होंने मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से राजस्थान में मौजूद पोटाश के अकूत भंडार के वैज्ञानिक दोहन में मदद के लिए भी पीएम से अपील की.प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रीगण, मेरे साथी मुख्यमंत्रीगण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष जी एवं तमाम उपस्थित साथीगण। जैसा अभी कहा राजनाथ सिंह जी ने वही मैं कहने का प्रयास कर रहा हूँ, क्यूंकि जो छओं एजेंडा रखे गए हैं नीति आयोग द्वारा वो बिल्कुल ही प्रासंगिक हैं आज के वक़्त में इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूँ। और कोविड के बाद में, मैं समझता हूँ रोजगार के सृजन की और स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। अब मैं एक पॉइंट कहना चाहूंगा विशेष रूप से कि माननीय प्रधानमंत्री जी जैसाकि आप जानते हैं कि देश का 10 प्रतिशत भू भाग राजस्थान में है, सबसे बड़ा प्रदेश बन गया है, छत्तीसगढ़ बनने के बाद में, पानी एक प्रतिशत ही है, तो पानी का क्या महत्व है वो आप अहसास कर सकते हैं क्योंकि सदियों से राजस्थान रेगिस्तान और मरुस्थल का भाग रहा है और पानी को लेकर तरसते हैं लोग वहां पीने के लिए, खारा पानी भी है, पानी में नाइट्रेट भी है और पानी को लेकर जो हालत बनी है उसको लेकर के हमारा सबसे बड़ा ध्यान इंदिरा गांधी कैनाल हो या नर्मदा हो जो गुजरात से आती है, अब जो पिछली गवर्नमेंट ने एक स्कीम बनाई थी, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) इस पर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा, इसके लिए हमारी मांग रही है कि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए, और आप जब पधारे थे राजस्थान में 7 जुलाई को जयपुर में और 6 अक्टूबर को अजमेर के अंदर तब आपने इसकी गंभीरता को देखते हुए उस वक़्त घोषणा की थी कि इसको राष्ट्रीय परियोजना बनाएँगे हम। मैं आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि ये आपका खुद का वादा है आपको ही निभाना है। और 16 परियोजनाएं ऐसी राष्ट्रीय योजना हैं जो असम की भी है, आंध्रप्रदेश में, हिमाचल में, उत्तराखंड में है, मध्यप्रदेश में है, उत्तरप्रदेश में है, महाराष्ट्र, पंजाब में है, पश्चिम बंगाल में है, इस प्रकार से अगर 16 की जगह 17 बन जाएँगी तो मं समझता हूँ ये योजना प्रायोरिटी पर पूरी हो पाएगी, 13 जिले इसमें बहुत महत्वपूर्ण जिले हैं- झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर। इसमें सिंचाई भी होगी और पीने का पानी भी मिलेगा। मेरा आपसे निवेदन रहेगा कृपा करके आप आज ही इस मीटिंग के अंदर जब कन्क्लुडिंग आपका भाषण हो तो राजस्थान को इसकी सौगात देने का कष्ट करें क्यूंकि आपका ये वादा है आपको मैं याद दिला रहा हूँ, कृपा करके इसको आप स्वीकार करने का कष्ट करें।
रेगिस्तान में कॉस्ट ऑफ डिलीवरी बहुत ज्यादा है अन्य राज्यों के मुकाबले में, पंजाब, यूपी की तरह एक गाँव खत्म होने के बाद दूसरा गाँव नहीं आता है, यहां तो एक गाँव खत्म हुआ और 10-15 किलोमीटर बाद दूसरा गाँव आता है और आजकल तो लोग गाँव में कम बसते हैं, ढाणियों में जाके बस गए हैं, ढाणियों तक में पानी पहुँचाना बहुत बड़ा काम है, जल जीवन मिशन आपने एक बहुत ही एम्बीशियस प्रोजेक्ट देश को दिया है, 2024 तक इसको पूरा करना है, मैं आपसे अपील करना चाहूँगा कि ये मिशन अपने आप में महत्वपूर्ण है राजस्थान के लिए, ये तभी होगा जब सोर्सेस पानी का आएगा और सोर्सेस आएगा जैसा मैंने अभी कहा आपको कि राजस्थान की पूर्वी नहर परियोजना है इससे आएगा, ट्यूबवैल से आएगा और बांधों से आएगा इसलिए हमारे लिए सबसे बड़ी सौगात यही होगी आपकी कि आप कृपा करके इस ईआरसीपी को नेशनल प्रोजेक्ट के रूप में घोषित करें।
एक पॉइंट कह कर मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ, खनिज सम्पदा राजस्थान में बहुत ज्यादा है, पोटाश पूरे देश के अंदर सिर्फ राजस्थान में ही मिलेगा आपको, इसलिए मैं आपसे निवेदन करूंगा कि एक मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया दोनों ही कंपनियां भारत सरकार की हैं इनके साथ मिलकर के हम खनिज सम्पदा का सांटिफिक एक्सप्लोरेशन कैसे कर सकें इसकी बहुत बड़ी आवश्यकता रहेगी जिससे कि पूरे देश में उसका लाभ मिलेगा। यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ।