उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौरे पर हैं.सीएम बनने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे धामी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से शिष्टाचार मुलाकात की और उन्हे स्मृति चिन्ह भेंट किया.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले.दोनों नेताओं के बीच करीब 1 घंटा 15 मिनट बातचीत हुई. इस दौरान सीएम धामी ने उत्तराखंड में विकास योजनाओं की प्रगति, कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी, चारधाम और कांवड़ यात्रा के विषय पर चर्चा की करते हुए उत्तराखंड में विकास कार्यों के लिए आभार जताया. प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के विकास के लिए हर संभव मदद का भरोसा मुख्यमंत्री धामी को दिलाया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की.इस मुलाकात के दौरान सीएम ने गृहमंत्री अमित शाह से नीती घाटी और नेलांग घाटी को इनर लाइन प्रतिबंध से हटाने का अनुरोध किया.इसके अलावा मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उत्तराखंड के लिए दो एयर एंबुलेंस और गैरसैंण में आपदा प्रबन्धन शोध संस्थान की स्थापना का करने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की और स्वच्छ भारत मिशन-2 के अन्तर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड राज्य के बजट आवंटन को 89 करोड़ रुपए से बढ़ाते हुए 150 करोड़ रुपए करने का अनुरोध किया.मुख्यमंत्री ने राज्य के 7 नगर निकायों के 8 लीगेसी वेस्ट, पुराने डम्प साइट के प्रसंस्करण और निस्तारण योजनाओं के लिये अवशेष केन्द्रांश की धनराशि अवमुक्त करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी शिष्टाचार भेंट की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी साथ ही सीएम ने उनके स्वस्थ जीवन और दीर्घायु होने की कामना की.
दिल्ली में सीएम पुष्कर सिंह धामी केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय से भी मिले.इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के अंतर्गत हरिद्वार से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हवाई सेवाएं प्रदान किए जाने हेतु हेलीपोर्ट बनाए जाने के लिए भारत हैवी इलैक्ट्रिकल लिमिटेड की भूमि राज्य सरकार को फ्री उपलब्ध कराने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार धार्मिक आस्था का केन्द्र बिन्दु होने के कारण प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में तीर्थयात्री और सैलानी आते हैं. क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के अंतर्गत हरिद्वार से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हवाई सेवाएं प्रदान किये जाने हेतु हेलीपोर्ट बनाये जाने के लिए भेल की भूमि की आवश्यकता है.

